class 7 sanskrit chapter 1 hindi translation
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class 7 sanskrit chapter 1 hindi translation

by | Oct 6, 2025 | 0 comments

यहाँ Class 7 संस्कृत पाठ 1 “वन्दे भारतमातरम्” का हिंदी अनुवाद और सारांश है — सरल भाषा में।

पाठ परिचय: वन्दे भारतमातरम्

यह पाठ भारत माता की महिमा, भौगोलिक विशेषताओं और सांस्कृतिक गौरव का वर्णन करता है। इसमें हिमालय को मुकुट, समुद्र को चरण धोने वाला, नदियों को माता के समान बताया गया है। यह गीत देशभक्ति की भावना को जाग्रत करता है।

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हिंदी अनुवाद (सरलार्थ)

पुत्र: माँ! हम विभिन्न कार्यक्रमों में, रेडियो पर और स्कूल में ‘वन्दे मातरम्’ गीत सुनते हैं, लेकिन इसका अर्थ नहीं जानते।

पुत्री: यह गीत किसने लिखा, यह भी मेरी जिज्ञासा है।

माता: बच्चों! महान देशभक्त बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1882 में ‘आनन्दमठ’ नामक उपन्यास लिखा था। ‘वन्दे मातरम्’ गीत उसी में है। इसका अर्थ है — मैं माता की वंदना करता हूँ।

पुत्री: यह गीत किस भाषा में है?

माता: यह गीत संस्कृत और बांग्ला दोनों भाषाओं में है।

पुत्र: इसमें क्या विषय वर्णित है?

माता: इसमें भारत माता के स्वरूप का सुंदर वर्णन है।

पुत्री: इसकी क्या विशेषता है?

माता: स्वतंत्रता आंदोलन में सभी देशभक्त इसे मंत्र की तरह गाते थे। आज भी यह गीत हमें प्रेरणा देता है।

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🌿 हिंदी अनुवाद – सरलार्थ

एषा अस्माकं वत्सला भारतमाता।

यह हमारी स्नेह देने वाली भारत माता है।

अहो अस्माकं भारतमातुः माहात्म्यम्!

अरे! हमारी भारत माता कितनी महान है!

साक्षात् पर्वतराज हिमालयः मुकुटरूपेण अस्याः मस्तके शोभते।

स्वयं पर्वतों के राजा हिमालय इसके सिर पर मुकुट की तरह शोभा बढ़ाते हैं।

अस्याः चरणौ प्रक्षालयति स्वयं रत्नाकरः समुद्रः।

इसके चरणों को समुद्र स्वयं धोता है।

भारतभूमौ महेन्द्रः, मलयः, सह्यः, रैवतकः, विन्ध्यः, अरावलिः इत्यादयः श्रेष्ठाः पर्वताः विराजन्ते।

भारत भूमि में महेंद्र, मलय, सह्य, रैवतक, विंध्य, अरावली आदि श्रेष्ठ पर्वत शोभायमान हैं।

अत्रैव गङ्गा, यमुना, सरस्वती, सिन्धुः, ब्रह्मपुत्रः, गण्डकी, महानदी, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी इत्यादयः पवित्राः नद्यः प्रवहन्ति।

यहीं पर गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गंडकी, महानदी, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि पवित्र नदियाँ बहती हैं।

नद्यः अपि अस्माकं मातरः इव। ये नदियाँ भी हमारी माताओं के समान हैं।

भारत के तीर्थ और नगर

अयोध्या, मथुरा, हरिद्वारम्, काशी, काञ्ची, अवन्तिका, वैशाली, द्वारिका, पुरी, गया, प्रयागः, पाटलीपुत्रं, विजयनगरम्, इन्द्रप्रस्थ, सोमनाथः, अमृतसरः इत्यादीनि मङ्गलानि तीर्थक्षेत्राणि नगराणि च भारतभूमौ एव सुशोभन्ते।

अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची, अवंतिका, वैशाली, द्वारका, पुरी, गया, प्रयाग, पाटलिपुत्र, विजयनगर, इंद्रप्रस्थ, सोमनाथ, अमृतसर आदि शुभ तीर्थ और नगर भारत भूमि में ही शोभायमान हैं।

एतेषां तीर्थक्षेत्राणां धूलिं ललाटे स्थापयितुं विविधेभ्यः प्रदेशेभ्यः असंख्याः जनाः आगच्छन्ति।

इन तीर्थों की धूल को माथे पर लगाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से असंख्य लोग आते हैं।

🇮🇳 भारत माता और राष्ट्रध्वज

भारतमातुः हस्ते विलसति त्रिवर्णयुतः राष्ट्रध्वजः।

भारत माता के हाथ में त्रिवर्णयुक्त राष्ट्रीय ध्वज चमकता है।

अहो अस्य शोभा!

अरे! इसकी शोभा कितनी अद्भुत है!

अस्मिन् राष्ट्रध्वजे केशरः, श्वेतः, हरितः च वर्णाः विराजन्ते।

इस ध्वज में केसरिया, सफेद और हरा रंग शोभायमान हैं।

ध्वजस्य मध्ये सुन्दरं नीलवर्णं चक्रमपि शोभते।

ध्वज के बीच में सुंदर नीले रंग का चक्र भी शोभा देता है।

ध्वजे विराजमानाः वर्णाः चक्रं च विशिष्टं सन्देशं प्रयच्छन्ति।

ध्वज के रंग और चक्र एक विशेष संदेश प्रदान करते हैं।

शब्दार्थ (Vocabulary)

संस्कृत शब्दहिंदी अर्थ
वत्सलास्नेह देने वाली
माहात्म्यम्महानता
मुकुटरूपेणमुकुट के रूप में
प्रक्षालयतिधोता है
श्रेष्ठाःउत्तम, महान
पवित्राःशुद्ध, पूजनीय
मातरः इवमाँ के समान
मङ्गलानिशुभ
तीर्थक्षेत्राणितीर्थ स्थान
विलसतिचमकता है
त्रिवर्णयुतःतीन रंगों से युक्त
सन्देशं प्रयच्छन्तिसंदेश प्रदान करते हैं

व्याकरण अभ्यास (Grammar)

  • संधि विच्छेद:
    • वन्दे मातरम् → वन्दे + मातरम्
    • भारतमातुः → भारत + मातुः
    • राष्ट्रध्वजः → राष्ट्र + ध्वजः
  • प्रत्यय:
    • वत्सला (वत्स + ला)
    • शोभते (शोभ + ते)
  • विभक्ति अभ्यास:
    • अस्माकं – षष्ठी विभक्ति (हमारा)
    • भारतमातुः – षष्ठी विभक्ति (भारत माता की)

पाठ का सारांश (Summary for Exams)

यह पाठ भारत माता की भौगोलिक सुंदरता, पवित्र नदियाँ, महान पर्वत, और शुभ तीर्थों का वर्णन करता है। इसमें राष्ट्रीय ध्वज की त्रिवर्णीय शोभा और चक्र का संदेश भी बताया गया है। यह पाठ छात्रों में देशभक्ति, संस्कृति के प्रति सम्मान, और भारत के गौरव को समझने की प्रेरणा देता है।

परीक्षा उपयोगी प्रश्न (Exam Prep Keywords)

  • भारतमाता की विशेषताएँ
  • राष्ट्रध्वज के रंगों का अर्थ
  • भारत के प्रमुख तीर्थस्थल
  • पवित्र नदियों के नाम
  • हिमालय का महत्व
  • शब्दार्थ, संधि, विभक्ति अभ्यास
  • सरल हिंदी अनुवाद

निष्कर्ष

Class 7 संस्कृत का यह पाठ “वन्दे भारतमातरम्” न केवल भाषा अभ्यास के लिए उपयोगी है, बल्कि यह छात्रों को भारत की संस्कृति, धार्मिकता, और देशभक्ति से जोड़ता है।

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