कक्षा 9 संस्कृत – अध्याय 2: स्वर्णकाकः
पूर्ण प्रश्नोत्तर संग्रह | व्याकरण अभ्यास | अतिरिक्त प्रश्न | Convex Classes द्वारा प्रस्तुत
अध्याय सारांश (हिंदी में)
“स्वर्णकाकः” एक प्रेरणादायक नैतिक कथा है जिसमें एक निर्धन वृद्धा और उसकी विनम्र पुत्री की कहानी है। एक दिन एक स्वर्णकाक उनके घर आता है और उन्हें चावल देता है। बालिका उसकी सेवा करती है और बदले में उसे एक रहस्यमयी मञ्जूषा मिलती है जिसमें बहुमूल्य रत्न होते हैं। जब उसकी माँ लोभवश उस रहस्य को जानना चाहती है, तो उसे केवल ताम्रपात्र और साधारण वस्तुएँ मिलती हैं। यह कहानी सिखाती है कि विनम्रता और सेवा का फल श्रेष्ठ होता है, जबकि लोभ का परिणाम हानि होता है।

प्रश्न 1: एकपदेन उत्तरं लिखत
| प्रश्न | उत्तर (संस्कृत में) |
|---|---|
| (क) माता कामं आदिशत्? | गत्वा |
| (ख) स्वर्णकाकः कान् अघातयत्? | द्रव्याणि |
| (ग) प्रासादेः कः दृष्टः वर्तते? | मञ्जूषा |
| (घ) गृहमार्ग्य तथा च समुद्रतीरतः? | बालिका |
| (ड) लोभाविष्टा बालिका कदृशं मञ्जूषां नयति? | ताम्रवर्णाम् |
प्रश्न 2: विलोम शब्द
| शब्द | विलोम शब्द |
|---|---|
| पश्चात् | पूर्वम् |
| अधः | उपरि |
| सुप्तः | जागृतः |
| श्वेतः | कृष्णः |
| हसितुम् | रोदितुम् |
प्रश्न 3: स्थूलपदान्यधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
| वाक्य | प्रश्न | उत्तर |
|---|---|---|
| ग्रामे निर्धना स्त्री अवस्थिता। | का ग्रामे अवस्थिता? | निर्धना स्त्री |
| स्वर्णकाकं निवारयन्ती बालिका प्रार्थयत। | का प्रार्थयत? | बालिका |
| सूर्यौदयात् पूर्वमेव बालिका तत्रोपस्थित। | कदा तत्रोपस्थित? | सूर्यौदयात् पूर्वम् |
| बालिका निर्धनमातुः दुहिता आसीत। | का दुहिता आसीत? | बालिका |
| लुब्धा वृद्धा स्वर्णकाकस्य रहस्यं ज्ञातवती। | का रहस्यं ज्ञातवती? | वृद्धा |
प्रश्न 4: सन्धि-विच्छेद
| सन्धियुक्त शब्द | सन्धि-विच्छेद |
|---|---|
| न्यवसत् | नि + अवसत् |
| सूर्योदयः | सूर्य + उदयः |
| वृक्षस्योपरि | वृक्षस्य + उपरि |
| इत्युक्त्वा | इति + उक्त्वा |
| प्रत्यवदत् | प्रति + अवदत् |
प्रश्न 5: कृतिप्रयय-विभागं कृत्वा
| शब्द | प्रकृति + प्रत्यय |
|---|---|
| रोदितुम् | रुद् + तुमुन् |
| टूष्णम् | तूष्ण + नमिन् |
| विलापः | वि + लाप् + घञ् |
| निश्चितम् | नि + शि + क्त |
| आगतः | आ + गम् + क्त |
| शालिनः | शालि + लिन् |
| लघुतमम् | लघु + तमप् |
प्रश्न 6: कः/का/कं, कः/का/कं च कथयति
| कथ्य वाक्य | कः/का/कं | कः/का/कं च कथयति |
|---|---|---|
| पूर्व प्रातःकालः क्रियते। | प्रातःकालः | अहं |
| सूर्यायाः रण्डुलालः खङ्गस्य रक्ष। | रण्डुलालः | सूर्यः |
| रण्डुलालं मा रक्षतु। | रण्डुलालम् | अहं |
| अहं सूर्यं रण्डुलालस्य दास्यामि। | सूर्यं | अहं |
| मां नीचकः। अहमपि, महं रण्डुलालं प्रयच्छ। | मां | नीचकः |
प्रश्न 7: पञ्चमी विभक्ति प्रयोग
| वाक्य | उत्तर |
|---|---|
| ग्रामः …………………. बाहिः आगच्छति (ग्राम) | ग्रामात् |
| पर्वतः …………………. निस्सरति (पर्वत) | पर्वतात् |
| वृक्षः …………………. प्राणी पतति (वृक्ष) | वृक्षात् |
| सिंहः …………………. भीषयति (सिंह) | सिंहात् |
| क्लेशः …………………. नायते (क्लेश) | क्लेशात् |
| निवासः …………………. भ्रमति (निवास) | निवासात् |
अतिरिक्त प्रश्न (Extra Exam-Focused Questions)
स्वर्णकाकः बालिकायाः कृते किं करोति?
👉 उत्तर: स्वर्णकाकः बालिकायाः कृते चावलं दत्तवान्, प्रासादं दर्शितवान्, तथा मञ्जूषां अपि दत्तवान्।
वृद्धा को क्या मिला और क्यों?
👉 उत्तर: वृद्धा को ताम्रपात्र और साधारण वस्तुएँ मिलीं क्योंकि उसने लोभवश रहस्य जानने का प्रयास किया।
बालिका ने ताम्रस्थाली क्यों चुनी?
👉 उत्तर: बालिका ने तर्क दिया कि वह निर्धन है और ताम्रस्थाली में ही भोजन करेगी।
गर्विता बालिका को क्या परिणाम मिला?
👉 उत्तर: उसने स्वर्णमयी वस्तुएँ माँगीं परन्तु ताम्रमयी वस्तुएँ ही प्राप्त हुईं।
निष्कर्ष (Conclusion)
“स्वर्णकाकः” केवल एक कहानी नहीं, बल्कि एक जीवन संदेश है — विनम्रता, सेवा और लोभ से बचाव। यह अध्याय छात्रों को संस्कृत भाषा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी देता है।
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