कक्षा 9 संस्कृत – अध्याय 5: भ्रान्तो बालः | सम्पूर्ण एनसीईआरटी समाधान
📍 प्रस्तुतकर्ता: Convex Classes Jaipur
🌟 परिचय (Introduction)
“भ्रान्तो बालः” पाठ कक्षा 9 की संस्कृत पुस्तक शेमुषी का एक अत्यंत शिक्षाप्रद अध्याय है। यह कहानी एक बालक की भ्रांति, जल्दबाज़ी, और उसके परिणामों को दर्शाती है। पाठ के माध्यम से हमें यह समझने को मिलता है कि बिना सोच-विचार के किया गया कार्य संकट में डाल सकता है। इस ब्लॉग में हम इस अध्याय से जुड़े सभी NCERT प्रश्नों के उत्तर, भावार्थ, व्याकरण, और अतिरिक्त अभ्यास को विस्तार से प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि छात्र परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

प्रश्न 1: एकवाक्ये उत्तरं लिखत (उत्तर एक वाक्य में दीजिए)
(क) रु: लज्जया: पतति?
👉 हाँ, रुमा लज्जा के कारण गिर जाती है।
(ख) बालक: कुत: अञ्जनं मषकस्य अपश्यत्?
👉 बालक ने मषक की आँखों में अंजन देखा।
(ग) के मषकस्य हस्तात् अम्भम्?
👉 चटक ने मषक के हाथ से जल लिया।
(घ) चटक: कया गुणपटलमालिकां आदत्त?
👉 चटक ने अपनी चतुरता से गुणपटलमालिका प्राप्त की।
(ङ) चटक: कथम् शाखायां नाटं रचयति?
👉 चटक शाखा पर नृत्य करके नाट्य प्रस्तुत करता है।
(च) बालक: ककुदं स्पृशन् पतति?
👉 हाँ, बालक ककुद को छूते हुए गिर जाता है।
(छ) रुमा ककुदं स्पृशन् पतति?
👉 हाँ, रुमा भी ककुद को छूते हुए गिर जाती है।
प्रश्न 2: संस्कृत में उत्तर दीजिए
(क) बालः कदा क्रीडितुं गच्छति?
👉 बालः सायं काले क्रीडितुं गच्छति।
(ख) बालकाः निमित्तं निमित्तं रमणीयं स्थलम् गच्छन्ति।
👉 बालकाः क्रीडायाः निमित्तं रमणीयं स्थलम् गच्छन्ति।
(ग) मधुरं मधुरं आहारं कः करोति?
👉 मातरं मधुरं आहारं करोति।
(घ) बालकः क्रीडायाः समयं अपश्यत्?
👉 बालकः क्रीडायाः समयं न अपश्यत्।
(ङ) बालकः चटकान् क्रीडायां क्रीडितुं लोभं तत्त्वान्?
👉 बालकः चटकान् दृष्ट्वा क्रीडायां लोभं तत्त्वान्।
(च) प्रश्नः बालकः प्रश्नं कः अपि चिन्तयति?
👉 बालकः प्रश्नं स्वयं चिन्तयति।

प्रश्न 3: श्लोक का भावार्थ हिन्दी और अंग्रेज़ी में लिखिए
श्लोक:
यो मा पुत्रश्च पापश्च स्वामी च गृहे तथा। क्षालनियकरणान् मया दृष्ट्वमपि परित्यज॥
हिन्दी भावार्थ:
यदि कोई व्यक्ति पापी है, चाहे वह पुत्र हो या स्वामी, और यदि वह घर में रहते हुए भी दोषयुक्त है, तो उसे त्याग देना चाहिए। धर्म और नीति को संबंधों से ऊपर रखा गया है।
🌐 English Translation:
Even if someone is a son or master, if they are sinful and reside in the house, they should be abandoned. Righteousness must be prioritized over relationships.
प्रश्न 4: “श्रुत्वा बालः” कथा का हिन्दी और अंग्रेज़ी में वर्णन
हिन्दी में कथा सारांश:
एक बालक ने पक्षी की आवाज़ सुनी और उसे पकड़ने की इच्छा से दौड़ पड़ा। वह पेड़ की शाखा पर चढ़ा, फिसल गया और गिर पड़ा। यह कथा सिखाती है कि बिना सोच-विचार के किया गया कार्य संकट में डाल सकता है।
🌐 English Summary:
A boy hears a bird’s sound and rushes to catch it. He climbs a branch, slips, and falls. The story teaches that impulsive actions can lead to danger.
प्रश्न 5: सही वाक्य का चयन कीजिए
विकल्प:
(क) स्वानः भक्षकवत्सलः तं दारयामि।
(ख) चटकः स्वकर्मणि व्यग्रः आसीत्।
(ग) कुक्कुरः मानुषाणां निमित्तम् अस्ति।
(घ) स महती वृष्णुः लवणम्।
(ङ) स्थाणीयमकारणात् मया न भ्रश्यम् इति।
✔️ सही उत्तर:
(ख) चटकः स्वकर्मणि व्यग्रः आसीत्।
👉 यह वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है। इसमें कर्ता, क्रिया और कर्म का सही प्रयोग हुआ है।
प्रश्न 6: “एकेऽपि नमः” – पञ्चविवाक्षा रचना
“नमः” शब्द संस्कृत में सम्प्रदानविवक्ति में प्रयुक्त होता है। उदाहरण:
- एकेऽपि नमः = एक व्यक्ति को भी नमस्कार
- गुरवे नमः = गुरु को नमस्कार
पञ्चविवाक्षा विश्लेषण:
- कर्तृविवक्षा – नहीं
- कर्मविवक्षा – नहीं
- करणविवक्षा – नहीं
- सम्प्रदानविवक्षा – ✔️
- अपादानविवक्षा – नहीं
📌 “नमः” का प्रयोग सम्प्रदानविवक्ति में होता है, जो सम्मान या अभिवादन दर्शाता है।
प्रश्न 7: समास पदों का मिलान और विग्रह वाक्य
| ‘क’ शब्द | ‘ख’ शब्द | विग्रह वाक्य |
|---|---|---|
| दृष्टिपथम् | दृष्टेः पथः | दृष्टि का मार्ग |
| पुस्तकालयः | पुस्तकानां स्थलः | पुस्तकों का स्थान |
| निवासस्थानम् | निवासः यत्रानि | जहाँ निवास किया जाता है |
| पुण्यस्थानम् | पुण्यनाम उद्धानम् | पुण्य कार्यों का स्थान |
प्रश्न 7 (अ): विशेषण और विशेष्य पद की पहचान
| पदयुग्म | विशेषणपद | विशेष्यपद |
|---|---|---|
| हिङ्ग्नः बालः | हिङ्ग्नः | बालः |
| फलानां स्वादानाम् | स्वादानाम् | फलानाम् |
| प्रीति: बालक: | प्रीति: | बालक: |
| स्वादुः मधुरफलानि | स्वादुः | मधुरफलानि |
| रमणीयः वन्यः | रमणीयः | वन्यः |
अतिरिक्त प्रश्न (Extra Questions for Practice)
- “भ्रान्तो बालः” पाठ का मुख्य संदेश क्या है?
- बालक ने रस्सी को सर्प क्यों समझा?
- वैद्य ने बालक की रक्षा कैसे की?
- पाठ में कौन-कौन सी विभक्तियाँ प्रयुक्त हुई हैं?
- “अज्ञानं संकटस्य मूलम्” – इस सूक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

❓ FAQs – छात्रों की सामान्य जिज्ञासाएँ
Q1. यह पाठ परीक्षा में क्यों महत्वपूर्ण है?
👉 इसमें नैतिक शिक्षा, सरल भाषा, और व्याकरणिक अभ्यास शामिल हैं।
Q2. “श्रुत्वा बालः” कथा से क्या शिक्षा मिलती है?
👉 सोच-समझकर कार्य करना चाहिए, नहीं तो संकट उत्पन्न हो सकता है।
Q3. “स्वकर्मणि व्यग्रः” का अर्थ क्या है?
👉 अपने कार्य में व्यस्त।
Q4. इस पाठ में कौन-कौन से समास हैं?
👉 दृष्टिपथम् (बहुव्रीहि), पुस्तकालयः (तत्पुरुष), निवासस्थानम् (तत्पुरुष)



