🏺 कक्षा 9 संस्कृत पाठ 6: लौहतुला – पूरा पाठ हिंदी अनुवाद सहित
📘 परिचय:
यह पाठ पंचतंत्र के मित्रभेद तंत्र से लिया गया है, जिसे विष्णु शर्मा ने रचा था। इसमें एक व्यापारी की चतुराई और न्यायप्रियता को दर्शाया गया है। यह कहानी छात्रों को नैतिकता, तर्क और व्यावहारिक सोच सिखाती है।
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पूरा संस्कृत पाठ + हिंदी अनुवाद
आसीत् कस्मिंश्चिद् अधिष्ठाने जीर्णधनो नाम वणिक्पुत्रः।
किसी स्थान पर जीर्णधन नाम का एक व्यापारी पुत्र रहता था।
स च विभवक्षयात् देशान्तरं गन्तुमिच्छन् व्यचिन्तयत्—
वह धन की हानि के कारण विदेश जाने की इच्छा करता है और सोचता है—
यत्र देशेऽथवा स्थाने भोगा भुक्ताः स्ववीर्यतः। तस्मिन् विभवहीनो यो वसेत् स पुरुषाधमः॥
जिस स्थान पर अपने पराक्रम से ऐश्वर्य भोगा गया हो, वहां निर्धन रहना अपमानजनक है।
तस्य च गृहे लौहघटिता पूर्वपुरुषोपार्जिता तुला आसीत्।
उसके घर में पूर्वजों द्वारा अर्जित लोहे की तराजू थी।
तां च कस्यचित् श्रेष्ठिनो गृहे निक्षेपभूतां कृत्वा देशान्तरं प्रस्थितः।
उसने उस तराजू को एक श्रेष्ठी के पास धरोहर के रूप में रखकर विदेश यात्रा की।
ततः सुचिरं कालं देशान्तरं यथेच्छया भ्रान्त्वा पुनः स्वपुरम् आगत्य तं श्रेष्ठिनम् अवदत्—
बहुत समय बाद वह अपने नगर लौटकर श्रेष्ठी से कहता है—
“भोः श्रेष्ठिन्! दीयतां मे सा निक्षेपतुला।”
“हे श्रेष्ठी! मेरी धरोहर वाली तराजू वापस दीजिए।”
स आह—“भोः! नास्ति सा, त्वदीया तुला मूषकैः भक्षिता” इति। श्रेष्ठी कहता है—
“तुम्हारी तराजू को चूहे खा गए।”
जीर्णधनः अवदत्—“भोः श्रेष्ठिन्! नास्ति दोषस्ते, यदि मूषकैः भक्षिता इति। ईदृगेवायं संसारः। न किञ्चिदशाश्वतमस्ति। परमहं नद्यां स्नानार्थं गमिष्यामि। तत् त्वमात्मीयं शिशुमेनं धनदेवनामानं मया सह स्नानोपकरणहस्तं प्रेषय” इति।
जीर्णधन कहता है—“कोई दोष नहीं है यदि चूहे खा गए। संसार ऐसा ही है। मैं स्नान के लिए नदी जा रहा हूँ, तुम अपने पुत्र धनदेव को स्नान के सामान के साथ मेरे साथ भेज दो।”
स श्रेष्ठी स्वपुत्रम् अवदत्—“वत्स! गच्छ त्वं स्नानार्थं जीर्णधनेन सह” इति।
श्रेष्ठी अपने पुत्र से कहता है—“बेटा! तुम जीर्णधन के साथ स्नान के लिए जाओ।”
जीर्णधनः तम् अपनीय गुहायां निवेश्य स्वगृहं गतः।
जीर्णधन उसे ले जाकर एक गुफा में छुपा देता है और अपने घर चला जाता है।
श्रेष्ठी पुत्रं न दृष्ट्वा जीर्णधनं गत्वा अवदत्—“भोः! मम पुत्रः कुत्र?”
श्रेष्ठी अपने पुत्र को न देखकर जीर्णधन से पूछता है—“मेरा पुत्र कहाँ है?”
सः अवदत्—“श्येनः अपहृतवान्” इति।
जीर्णधन कहता है—“उसे बाज उठा ले गया।”
श्रेष्ठी कोपात् तम् नगराधिपस्य समीपं नीत्वा अवदत्—“अयं मम पुत्रं अपहृतवान्” इति।
श्रेष्ठी क्रोधित होकर उसे नगराधिपति के पास ले जाता है और कहता है—“इसने मेरे पुत्र को अपहरण किया है।”
नगराधिपः तम् पृष्टवान्—“कथं श्येनः अपहृतवान्?”
नगराधिपति पूछता है—“कैसे बाज उठा ले गया?”
जीर्णधनः अवदत्—“यथा मूषकैः लौहतुला भक्षिता, तथा श्येनः अपहृतवान्” इति।
जीर्णधन कहता है—“जिस प्रकार चूहे लोहे की तराजू खा सकते हैं, उसी प्रकार बाज बच्चे को उठा सकता है।”
नगराधिपः तम् अवदत्—“सत्यं ब्रूहि। न हि मूषकैः लौहतुला भक्षिता। दीयतां श्रेष्ठिपुत्रः। ततः स श्रेष्ठी अपि तुलां दद्यात्” इति।
नगराधिपति कहता है—“सच बताओ। चूहे लोहे की तराजू नहीं खा सकते। श्रेष्ठी का पुत्र वापस करो, फिर वह भी तराजू लौटाएगा।”
जीर्णधनः श्रेष्ठिपुत्रं दत्वा स्वां तुलां अपि प्राप्तवान्।
जीर्णधन ने श्रेष्ठी का पुत्र लौटाया और अपनी तराजू भी वापस पाई।

🧠 शब्दार्थ तालिका
संस्कृत शब्द | हिंदी अर्थ |
---|---|
अधिष्ठानम् | स्थान |
विभवक्षयात् | धन की हानि के कारण |
श्रेष्ठिन् | सेठ |
निक्षेपभूतां | धरोहर के रूप में |
मूषकैः | चूहों द्वारा |
श्येनः | बाज |
अपहृतवान् | उठा ले गया |
✍️ व्याकरण विश्लेषण
संधि-विच्छेद:
- श्रेष्ठिनम् → श्रेष्ठि + नम्
- अपहृतवान् → अप + हृत + वान्
धातु प्रयोग:
- गमिष्यामि → √गम् (जाना) + भविष्यत काल
- अवदत् → √वद् (कहना) + लङ् लकार
कारक:
- श्रेष्ठिनः → चतुर्थी कारक
- तुला → द्वितीया कारक

❓ प्रश्नोत्तर (परीक्षा दृष्टि से)
प्रश्न 1: जीर्णधन ने तराजू किसके पास रखी थी और क्यों?
उत्तर: उसने तराजू श्रेष्ठी के पास धरोहर के रूप में रखी थी क्योंकि वह विदेश जा रहा था।
प्रश्न 2: श्रेष्ठी ने तराजू के बारे में क्या कहा?
उत्तर: श्रेष्ठी ने कहा कि तराजू को चूहे खा गए हैं।
प्रश्न 3: जीर्णधन ने श्रेष्ठी के पुत्र को कैसे छुपाया?
उत्तर: उसने श्रेष्ठी के पुत्र को स्नान के बहाने नदी किनारे ले जाकर एक गुफा में छुपा दिया।
प्रश्न 4: नगराधिपति ने क्या निर्णय लिया?
उत्तर: उसने कहा कि चूहे लोहे की तराजू नहीं खा सकते, इसलिए श्रेष्ठी का पुत्र लौटाया जाए और तराजू भी वापस दी जाए।
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निष्कर्ष:
लौहतुला पाठ छात्रों को केवल भाषा नहीं, बल्कि जीवन की व्यावहारिकता और न्याय की भावना भी सिखाता है। यह EaseEdu के लिए एक ऐसा कंटेंट है जो छात्रों की सभी ज़रूरतें पूरी करता है—अनुवाद, शब्दार्थ, व्याकरण और परीक्षा की तैयारी।
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